Delhi Assembly Election: दिल्ली मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना की जांच शुरू, संदीप दीक्षित ने की थी जांच की मांग
Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा महिलाओं को 2100 रुपये प्रति माह देने की योजना विवादों में घिर गई है। आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत 18 साल से अधिक आयु की हर महिला को 2100 रुपये देने का ऐलान किया गया था, जिसे कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने संदेहपूर्ण और विवादास्पद बताया है। संदीप दीक्षित ने इस योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया की जांच की मांग करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मुलाकात की थी।
संदीप दीक्षित ने की थी जांच की मांग
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया की गंभीरता से जांच की मांग की थी। उनका आरोप था कि यह योजना राजनीतिक फायदे के लिए लागू की जा रही है और इसमें गड़बड़ियों की आशंका है। उनका कहना था कि इस योजना के तहत पंजीकरण का तरीका पारदर्शी नहीं है, और इसमें धोखाधड़ी की संभावना हो सकती है।
दिल्ली के उपराज्यपाल ने जांच का आदेश दिया
संदीप दीक्षित द्वारा जांच की मांग किए जाने के बाद, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी के मुख्य सचिव को इस मामले में जांच शुरू करने का आदेश दिया है। उपराज्यपाल ने कहा कि मुख्य सचिव तीन दिनों के भीतर इस मामले पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उपराज्यपाल के आदेश के बाद अब यह मामला उच्च स्तर पर सुलझाया जाएगा और सभी पहलुओं की जांच की जाएगी।
संदीप दीक्षित के गंभीर आरोप
संदीप दीक्षित ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि पंजाब सरकार के गुप्त पुलिसकर्मी उनके घर के बाहर आकर खड़े होते हैं और उनकी गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं। उनका कहना था कि यह सब दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर किया जा रहा है ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित किया जा सके और दिल्ली विधानसभा चुनाव में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित किया जा सके। संदीप दीक्षित ने यह भी कहा कि यह कदम आम आदमी पार्टी के चुनावी स्वार्थ को पूरा करने के लिए उठाया जा रहा है।
उपराज्यपाल ने जांच के आदेश दिए
संदीप दीक्षित की शिकायत पर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने जांच का आदेश दिया है। उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव को आदेश दिया कि इस मामले की जांच की जाए और तीन दिनों के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इसके साथ ही दिल्ली के सभी विभागीय आयुक्तों को इस जांच का जिम्मा सौंपा गया है, ताकि मामले की गंभीरता से जांच की जा सके और सही तथ्यों को सामने लाया जा सके।
दिल्ली के डिवीजनल कमिश्नर करेंगे जांच
दिल्ली के डिवीजनल कमिश्नर इस मामले की जांच करेंगे और यह निर्धारित करेंगे कि मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत पंजीकरण किस आधार पर किए जा रहे हैं। वह यह भी जांचेंगे कि इस पंजीकरण प्रक्रिया में किस प्रकार की गलतियों या गड़बड़ियों की संभावना हो सकती है। इसके अलावा, डिवीजनल कमिश्नर यह सुनिश्चित करेंगे कि पंजीकरण प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और सही तरीके से की जा रही हो।
महिला सम्मान योजना पर विपक्ष का हमला
दिल्ली सरकार की मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना पर विपक्षी दलों ने भी हमला किया है। महिलाओं के लिए इस योजना की घोषणा को लेकर राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया है कि यह योजना आगामी विधानसभा चुनावों के लिए वोट बैंक बढ़ाने की कोशिश है। विपक्ष का कहना है कि यह योजना चुनावी राजनीति के लिए एक हथियार बन गई है, जिसमें वास्तविक जरूरतमंद महिलाओं के बजाय चुनावी लाभ के लिए काम किया जा रहा है।
महिला और बाल विकास मंत्रालय का बयान
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने इस योजना के बारे में एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि इस योजना के बारे में जो भी बयान राजनीतिक दलों द्वारा दिए जा रहे हैं, वे भ्रामक और गलत हैं। मंत्रालय ने इस योजना की गंभीरता और इसके लाभ को स्पष्ट किया है। मंत्रालय का कहना है कि योजना पूरी तरह से पारदर्शी है और इसका उद्देश्य महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाना है, न कि चुनावी लाभ लेना। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि योजना का संचालन पूरी तरह से नियमों और कानूनों के तहत किया जाएगा।
दिल्ली सरकार पर विपक्षी दलों का दबाव
विपक्षी दलों का कहना है कि इस योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया में कई अनियमितताएं हो सकती हैं, और अगर इस मामले की जांच समय पर नहीं की जाती है तो यह आगे चलकर एक बड़ा विवाद बन सकता है। विपक्षी दलों का कहना है कि आम आदमी पार्टी चुनावी लाभ के लिए इस योजना का उपयोग कर रही है, और इसके जरिए उन्होंने दिल्ली के मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है।
योजना की पारदर्शिता पर सवाल
मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के बारे में उठ रहे सवालों ने एक बार फिर दिल्ली सरकार की योजनाओं और उनके कार्यान्वयन की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा किया है। यदि इस मामले की गहराई से जांच की जाती है और सभी आरोपों की जांच होती है तो यह साफ हो सकेगा कि इस योजना का उद्देश्य चुनावी स्वार्थ के लिए तो नहीं था। दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा की गई जांच और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले की असल सच्चाई सामने आएगी।